मटर–Pea
- मटर त्रिदोषनाशक है। यह यह मल को बांधने वाली होती है। कब्ज को दूर करने के लिए कच्ची मटर खानी चाहिए। इसे खाने से स्त्रियों में माहवारी का अवरोध दूर होता है।
- मटर खाने से शरीर का खून और मांस बढ़ता है। मटर प्रोटीन का सर्वोत्तम साधन है।
- शरीर की जलन को दूर करने करने के लिए हरी मटर को पीसकर लेप करें।
- एक अनुसंधान से पता चला है कि हरी मटर में कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है। यह कैंसर से लड़ने में शरीर को शक्ति देता है। इसके अलावा यदि हरी मटर का अधिक से अधिक सेवन करें तो पेट का कैंसर दूर हो जाता है।
- हरी मटर में विटामिन के प्रचुर मात्रा में होता है। इससे शरीर की हड्डियां अधिक मजबूत होती हैं। यह ओस्टियोपोरोसिस के विपरीत प्रभावी ढंग से कार्य करती है।
- हरी मटर में शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करता है। इसके परिणामस्वरूप कोलेस्ट्रोल नियंत्रित होता है।
- हरी मटर में फाइबर पर्याप्त मात्रा में होता है। इसके सेवन से मोटापा नहीं बढ़ता है। इसलिए यह वजन घटाने में सहायक है।
- हरी मटर में एंटी-ओक्सीडेंट पाया जाता है। यह शरीर को स्फूर्ति रखने में सहायक होता है। इसके अतिरिक्त हरी मटर में फ्लेवानोड्स, फाइटोन्यूटिंस, किरोटिन आदि पाए जाते हैं जो हमें युवावस्था और शारीरिक शक्ति को बनाए रखता है।
- हरी मटर का रोजाना सेवन करें। इससे भूलने की बीमारी दूर होती है।
- हरी मटर में उच्च प्रोटीन और फाइबर तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करते हैं।
- भुनी हुई मटर के दाने और नारंगी के छिलकों को दूध में पीसें और उबटन तैयार कर लें। इससे शरीर का रंग आकर्षक हो जाता है। पिसी हरी मटर का उबटन चेहरे लगाते रहने से धब्बे और झांईयां दूर हो जाती हैं।
- यदि जाड़े के मौसम में अंगुलियों में सूजन आ जाए तो मटर के दानों का काढ़ा बना लें और हल्के गर्म काढ़े में कुछ देर अंगुलियों को डुबोकर रखें।
- मटर को उबालें और इस पानी से स्नान करें। इससे शरीर की सूजन दूर हो जाती है।
- ताजी मटर की फलियों को धोकर उन्हें घी जीरे से बघारकर थोड़ा ढक कर पका लें। जब इसकी फलियां पक जाएं तो इन्हें छिलके सहित खाएं। ये खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगती है।
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