हींग- asafoetida
हींग कोई फल या फूल नहीं होता है। यह तो पेड़ के तने
से निकली हुई गोंद होती है। इसका पेड़ लगभग 200 सेमी उंचा होता है। इसके पत्ते लम्बे
होते हैं। ये हींग का उपयोग विभिन्न रोगों को दूर करने में किया जाता है। यहां पर
कुछ महत्वपूर्ण उपयोगों के बारे में बताया जा रहा है-
asafoetida |
asafoetida |
- यदि दांतों में तेज दर्द हो रहा हो तो वहां पर घी में तली हुई हींग दबाएं।
- दाद एवं खाज-खुजली हो तो हींग को पानी में रगड़ कर लेप कर सकते हैं।
- यदि जननांगों से सम्बंधित कोई रोग हो तो 2 चुटकी हींग का चूर्ण और 2 ही चुटकी इलायची के दाने के चूर्ण एक साथ आग पर सेंक लें। सेंकने के बाद इन्हें दूध में मिलाकर पिला दें। इससे जननांगों के रोग दूर हो जाते हैं।
- किसी स्त्री को बार-बार गर्भपात हो जाता हो तो हींग का उपयोग कर सकते हैं। गर्भवती महिला को चक्कर आने पर या दर्द होने पर हींग को घी में सेंक कर तुरंत पानी के साथ निगलने को दें।
- पेट में कीड़े हों या दर्द हो तो 4-5 चुटकी हींग का पाउडर पानी से खाली पेट लेना चाहिए।
- किसी भी नशे की आदत को दूर करने के लिए 2 ग्राम हींग का चूर्ण दही या पानी में मिला कर पिला दें।
- घाव में कीड़े उत्पन्न हो जाएं तो नीम के पत्तों के साथ हींग को पीसकर घाव में लगाएं। जब घाव के कीड़े मरेंगे तो घाव बहुत जल्दी ठीक हो जाएगा।
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