कान बहना
- फूले हुए सुहागे को पीसकर, कपड़े में छानकर रख लें। इस पॉउडर को दिन में एक बार चार दिन तक छिड़कें। इससे कान का बहना बंद हो जाता है।
- बच्चों का कान बहता हो तो एक-दो बूंद चूने का पानी ड्रॉपर से डालें। इससे कान का बहना बंद हो जाता है। हरड़, आंवला, मजीठ, लोध्र तथा तदुक 10-10 ग्राम लेकर आधे लीटर पानी में काढ़ा बनाए। इस काढे़ से कान को धोने से कान का बहना बंद होता है।
- बच्चों का कान बहता हो तो एक-दो बूंद चूने का पानी ड्रॉपर से डालें।
- प्याज का रस थोड़ा-सा गर्म करके एक या दो बूंद कान में डालें।
- बैंगन और गुग्गल का धुआं कान बहने से रोकता है।
- अमलतास के 100 ग्राम पत्तों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर कान को धोने से कान का बहना बंद होता है।
- प्याज का रस थोड़ा-सा गर्म करके एक या दो बूंद कान में डालें। इससे कान से मवाद का आना बंद हो जाता है।
- लगभग 10 मिलीलीटर सरसों का तेल लेकर उसमें 10 ग्राम रतनजीत डालकर पकाएं। जब जलने लगे तो इस तेल को साफ शीशी में भरकर रख लें। यह कान के बहने या दर्द करने में लाभकारी होता है।
- फिटकरी 20 ग्राम और थोड़ी सी हल्दी पीसकर रख लें। आवश्यकता पड़ने पर कान को रूई से साफ करके दो रत्ती दवा डालें। इससे कान का बहना बंद होता है।
- फूले हुए सुहागे को पॉउडर करके, कपड़े में छानकर रख लें। इस पॉउडर को दिन में एक बार चार दिन तक छिड़कें। इससे कान से मवाद का आना बंद हो जाता है।
- शाल वृक्ष की छाल और कपास का रस 3-3 मिलीलीटर लेकर 5 ग्राम शहद में मिलाकर बूंद-बूंद करके डालने से कुछ दिनों में ही कान का बहना बंद होता है।
- रसौत को घिसकर शहद मिलाकर बूंद-बूंद कान में डालने से बहुत लाभ होता है।
- समुद्रफेन को पीसकर, अत्यंत बारीक चूर्ण बनाकर कान में डालने से कान का बहना बंद होता है।
- लहसुन के साथ नीम की 10-15 कोंपले या 5-6 पत्तियां औटाएं। इसके बाद दो बूंद रात को सोने से पहले कुछ दिन डालते रहें। इससे कान का घाव और कान का बहना बंद हो जाता है।
- इस रोग को ठीक करने में अदरक, प्याज, लहसुन का सेवन बहुत उपयोगी है। ऐसे खाद्य पदार्थ, जो कफ बढ़ाते हैं, रोगी को नहीं देने चाहिए। केला, दही, अमरूद और खट्टे फलों के सेवन से परहेज रखना ही आवश्यक है।
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